08-10-2025 |
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 6 अक्टूबर को जबलपुर में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय महाकोशल महाविद्यालय के 13 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत से निर्मित नवीन शैक्षणिक भवन और शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के 10.05 करोड़ रुपये से बने नये शैक्षणिक भवन का भी लोकार्पण करेंगे। साथ ही महाकोशल महाविद्यालय में 3 करोड़ 67 लाख रुपये से बनने वाले भवन का भूमि-पूजन भी करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव महाविद्यालय में प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में शैक्षणिक उत्कृष्टता, खेल, सांस्कृतिक, नवाचार एवं सामाजिक सेवा क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी करेंगे। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, राज्य सभा सदस्य श्रीमती सुमित्रा बाल्मीकि, सांसद श्री आशीष दुबे, महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नु, क्षेत्रीय विधायक श्री अशोक रोहाणी, नगर निगम अध्यक्ष श्री रिकुंज विज और जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री आशीष राव विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के प्राचार्य प्रो. अलकेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस महाकोशल कॉलेज के नवीन शैक्षणिक भवन में कुल 19 व्याख्यान कक्ष, प्रशासनिक ब्लॉक, स्मार्ट कक्षाएँ, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ एवं कॉमन रूम जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। यह भवन महाविद्यालय को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता योजना के अनुरूप प्रदेश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों की श्रेणी में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश, देश का दिल है। नदियों के मायके और बाघों की सहज दृश्यता वाली ये वो पवित्र धरती है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन बिताया और शिक्षा-दीक्षा भी प्राप्त की। मध्यप्रदेश और असम का 5 हजार साल पुराना संबंध है। इतिहास में श्रीकृष्ण और माता रूक्मणी प्रसंग में मध्यप्रदेश और असम आपस में जुड़े हैं। बावन शक्तिपीठों में से एक देवी कामाख्या शक्तिपीठ असम की धरती पर है और मध्यप्रदेश में कालों के काल बाबा महाकाल विराजमान हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ह्रदय प्रदेश होने के साथ आज देश का सबसे उपयुक्त निवेश प्रदेश है। मध्यप्रदेश की देश में केंद्रीय स्थिति, भरपूर बिजली-पानी, कुशल श्रमशक्ति और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स सुविधाओं से हमारा राज्य उद्योग स्थापना के लिए देश का आइडियल डेस्टिनेशन बन चुका है। मध्यप्रदेश की देश के प्रमुख शहरों से बेहतरीन कनेक्टिविटी भी निवेशकों को अतिरिक्त लाभ देती है। मध्यप्रदेश में निवेश हर मायने में फायदे का सौदा है। उन्होंने असम राज्य के उद्योगपतियों और निवेशकों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं और यहां अपने उद्योग एवं निर्माण इकाइयां स्थापित करें। सरकार हर कदम पर निवेशकों को पूरा सहयोग और आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि निवेशक कोई रोजगार आधारित उद्योग लगाते हैं, तो हमारी सरकार बिजली, पानी, कनेक्टिविटी की सुविधा के साथ श्रमिकों के वेतन के लिए 5000 रुपए प्रति श्रमिक की सब्सिडी भी देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को गुवाहाटी के एक निजी होटल में 'इन्टरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश' में असम राज्य के उद्योगपतियों और निवेशकों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सिविल अस्पताल परासिया, जिला छिंदवाड़ा में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही डॉक्टर सोनी और दवा निर्माता कंपनी के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर कार्यवाही करते हुए आय़ुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। डॉ. सोनी द्वारा निजी प्रैक्टिस के दौरान उपचार के लिए आए शिशुओं के उपचार में गंभीर लापरवाही बरतने और अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से नहीं करने के परिणामस्वरूप, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत यह कार्यवाही की गई। उल्लेखनीय है कि डॉ. सोनी द्वारा निजी प्रैक्टिस के दौरान शिशुओं को ऐसी दवाइयां पर्चे पर लिखी गई, जिसका सेवन करने के बाद शिशुओं को तेज बुखार और पेशाब में कठिनाई हुई तथा शिशुओं की किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इससे कुछ बच्चों की दु:खद मृत्यु हो गई। निलंबन काल में डॉ. सोनी का मुख्यालय, कार्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर के अधीन किया गया है। प्रकरण में छिंदवाड़ा के थाना परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी और कांचीपुरम तमिलनाडु की दवा निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के संचालकगण के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105,276 तथा औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27ए के अंतर्गत एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आईआईटी भुवनेश्वर में ‘नमो सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला’ की स्थापना को मंजूरी दी है। इस परियोजना को एमपीएलएडी योजना के तहत धनराशि प्रदान की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 4.95 करोड़ रुपये है।नमो सेमीकंडक्टर लैब युवाओं को उद्योग-अनुकूल कौशल प्रदान करके भारत के विशाल प्रतिभा पूल में योगदान देगी। यह लैब आईआईटी भुवनेश्वर को सेमीकंडक्टर अनुसंधान और कौशल विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करेगी। यह लैब पूरे भारत में स्थापित होने वाली चिप निर्माण और पैकेजिंग इकाइयों के लिए प्रतिभाओं को विकसित करने में सहायता करेगी।यह नई प्रयोगशाला ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजाइन इन इंडिया’ पहलों को और बढ़ावा देगी। यह भारत के तेजी से बढ़ते सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी। भारत वैश्विक चिप डिजाइन प्रतिभाओं का 20 प्रतिशत हिस्सा रखता है। देश भर के 295 विश्वविद्यालयों के छात्र उद्योग द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम ईडीए उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। 20 संस्थानों के 28 छात्रों द्वारा डिजाइन किए गए चिप एससीएल मोहाली में प्रदर्शित किए गए हैं। आईआईटी भुवनेश्वर ही क्यों? ओडिशा को हाल ही में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत दो सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए मंजूरी मिली है। इनमें से एक सिलिकॉन कार्बाइड आधारित मिश्रित सेमीकंडक्टर के लिए एक एकीकृत केंद्र है। दूसरी उन्नत 3डी ग्लास पैकेजिंग केंद्र है। आईआईटी भुवनेश्वर में पहले से ही सिलिकॉन कार्बाइड अनुसंधान एवं नवाचार केंद्र है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जनजातीय बहुल जिलों में ग्राम सभाओं को अपने गांव के विकास का रोडमैप तैयार करने सक्षम बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में दो अक्टूबर को हुई विशेष ग्राम सभाओं ने आपसी विचार-विर्मश कर 4 हजार से ज्यादा विलेज एक्शन प्लान का अनुमोदन किया। शेष ग्राम सभाएं जल्द ही विलेज एक्शन प्लान बनाने की प्रक्रियाएं पूरी करेंगी। विलेज एक्शन प्लान के लिए 30 जनजातीय बहुल जिलों के लिए अधिकारियों के कार्य दल बनाए गए थे। अधिकारियों की टीम गांव में पहुंची और ग्राम सभाओं में उपस्थित होकर आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत आदि सेवा पर्व के महत्व को समझाया। ग्राम सभाओं ने जनजाति ग्राम विजन 2030 के लिए ग्राम विशेष एक्शन प्लान का अनुमोदन किया। साथ में यह भी संकल्प लिया कि प्रत्येक गांव में एक आदि सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह सेवा केंद्र एकल खिड़की नागरिक सेवा केंद्र की तरह काम करेगा। इसके माध्यम से स्थानीय लोग आदि सेवा समय, स्वैच्छिक सेवा के अंतर्गत सप्ताह में एक घंटा अपना योगदान करेंगे। सरकारी अधिकारियों को जनजातीय समुदाय की मूल भाषा, बोलियों और संस्कृति से भी जोड़ेंगे। उल्लेखनीय की जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आदि कर्मयोगी अभियान प्रारंभ किया गया है। यह देश में जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए ऐतिहासिक पहल है। इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्र में ग्राम स्तर पर नेतृत्व क्षमता का विकास करना, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना और शासन-प्रशासन को और अधिक उत्तरदायी बनाना है।
मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियाँ, सुगम प्रक्रिया और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर ने मध्यप्रदेश को देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में शामिल किया है। इसी दिशा में 5 अक्टूबर को गुवाहाटी में आयोजित होने वाला ‘इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश’ सत्र पूर्वोत्तर भारत के निवेशकों को राज्य में औद्योगिक अवसरों और साझेदारी के नए मार्ग प्रशस्त करेगा। सत्र का उद्देश्य निवेशकों को मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल एवं परिधान, फार्मा और हेल्थकेयर, सीमेंट एवं खनिज, इंजीनियरिंग, पेट्रोकेमिकल्स एवं केमिकल्स, पर्यटन एवं वेलनेस, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण, प्लास्टिक्स और पॉलिमर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं से परिचित कराना है। गुवाहाटी फार्मा और सीमेंट उद्योग का प्रमुख केंद्र है, जबकि दिब्रूगढ़, तिनसुकिया, जोरहाट और शिवसागर जैसे औद्योगिक शहरों के उद्योग प्रतिनिधि सत्र में शामिल होकर प्रदेश में निवेश के अवसर पर चर्चा करेंगे । पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग समूह, व्यापार संघ और निवेशक, साथ ही कोलकाता और आप पास के औद्योगिक केंद्र के प्रतिनिधि इस सत्र में शामिल होंगे। यह आयोजन न केवल निवेशकों को औद्योगिक अवसरों से जोड़ेगा बल्कि पूर्वोत्तर भारत और मध्यप्रदेश के बीच आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को भी मजबूत करेगा। सत्र में FICCI असम के चेयर और धानुका ग्रुप के एमडी डॉ. घनश्याम दास धनुका, फिक्की, असम के को चेयर और बीएमजी इन्फॉर्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर जॉयदीप गुप्ता और रॉयल भूटान कौंसल जनरल, गुवाहाटी जिग्मे थिनल्ये नामग्याल सत्र को संबोधित करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण बच्चों की हुई मृत्यु अत्यंत दुखद है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप की जाँच रिपोर्ट आने पर मध्यप्रदेश में इस सिरप की बिक्री को पूर्णता प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रदेश में अभियान के तौर पर छापामारी कर कोल्ड्रिफ सिरप को जप्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में इस सिरप के कारण जिन 11 बच्चों को मृत्यु हुई है, उनके परिजन को 4-4 लाख रूपये आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। साथ ही उपचाररत बच्चों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। जाँच नमूने पाये गये अमान्य मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा की घटना संज्ञान में आने पर कोल्ड्रिफ सिरप के सैम्पल जाँच के लिए भेज गये थे। शनिवार की सुबह जाँच रिपोर्ट में पाया गया कि जाँच नमूने अमान्य पाये गये है। इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य स्तर पर भी इस मामले में संयुक्त जाँच टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। जाँच में पाई गई 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तमिलनाडु के औषधि नियंत्रक, द्वारा कोल्ड्रिफ सिरप को “नॉट ऑफ़ स्टैण्डर्ड क्वालिटी(एनएसक्यू)” घोषित किया गया है। शासकीय औषधि विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चेन्नई के परीक्षण अनुसार इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई 48.6% पाई गई है, जो एक जहरीला तत्व है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विजयादशमी के पावन पर्व पर इंदौर पुलिस लाइन में आयोजित भव्य शस्त्र पूजन कार्यक्रम में परम्परागत शौर्य परम्परा का निर्वहन करते हुए हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने माँ कालका की आराधना के साथ परम्परागत तलवार, भाला से लेकर अत्याधुनिक एके-47 और अन्य अस्त्र-शस्त्रों का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विजयादशमी केवल बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व ही नहीं, बल्कि यह शौर्य, साहस और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देने वाला उत्सव है। शस्त्र केवल युद्ध का साधन नहीं, बल्कि अनुशासन और मर्यादा का प्रतीक भी है। हमारी पुलिस और सुरक्षा बल इन्हीं शस्त्रों के माध्यम से समाज की रक्षा का संकल्प लेते हैं। इस परंपरा का संरक्षण करना हम सबका दायित्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी पर रावण दहन के साथ शस्त्रों का पूजन भी व्यापक रूप से होना चाहिए। उन्होंने प्रदेश में शस्त्र पूजन की परंपरा को और व्यापक रूप से मनाने के लिए नई सोच और नए संकल्प के साथ इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस पर्व को हर जिले में जन-सहभागिता और सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया जाना चाहिए, जिससे यह परंपरा और भी सशक्त हो। उन्होंने कहा कि शस्त्र और सैनिक एक-दूसरे के पर्याय हैं। भारतीय परम्परा में शिव और शक्ति को एक ही माना गया है। हमारे यहां अर्धनारीश्वर की पूजा होती है। सभी त्यौहार और पर्व आनंद और उल्लास के साथ मनाये जाने चाहिए।
गुरुवार की शाम जब पूरे देश में दशहरे की धूम थी तब मध्य प्रदेश के खंडवा में मातम का माहौल था। खंडवा के पंधाना में ऐसा हादसा घटा, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली तालाब में गिर गई और उसमें आठ छोटी बच्चियों समेत 11 लोगों की मौतहो गई। ट्रैक्टर में 35 से 40 बच्चे युवा और महिला पुरुष सवार थे जो पानी से लबालब तालाब में जा गिरे। इनमें से 10 लोग तैरकर बाहर आ गए जबकि मिसिंग 11 लोगों को गोताखोरों ने खोज कर निकाला। सभी 11 की जान चली गई। जबकि एक गंभीर रूप से अस्पताल में भर्ती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विजयादशमी के अवसर पर खण्डवा और उज्जैन जिले में घटित अलग-अलग घटनाओं में नागरिकों की असामयिक मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से दिवंगत नागरिकों की आत्मा की शांति और प्रभावित परिवारों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नई दिल्ली प्रवास में दोनों जिले की घटनाओं की जानकारी प्राप्त होते ही उज्जैन और खण्डवा कलेक्टर को इन घटनाओं में दिवंगत नागरिकों के परिजन को 4-4 लाख रूपए की सहायता राशि देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही इन घटनाओं में घायल हुए व्यक्तियों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि को स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने विपणन सत्र 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर अन्नदाताओं का हित संवर्धन किया है। इस निर्णय से मध्यप्रदेश के किसान बंधु भी बड़े पैमाने पर लाभान्वित होंगे। किसानों के कल्याण के लिए केन्द्र और राज्य सरकार दोनों ही प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तुलनात्मक रूप से देखें तो गत वर्ष की तुलना में गेहूं में 160 रूपए, जौ में 170 रूपए, चना में 225 रूपए, मसूर में 300 रूपए, रेपसीड और सरसो में 250 रूपए की वृद्धि की गई है। सर्वाधिक वृद्धि कुसुम के लिए 600 रूपए प्रति क्विंटल हुई है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने वर्ष 2026-27 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2585 करने का निर्णय लिया है। इसी तरह जौ का समर्थन मूल्य 2150 रूपए, चना का 5875 रूपए, मसूर का 7000 रूपए, रेपसीड और सरसो का 6200 रूपए और कुसुम का 6540 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से बढ़ेगा दाल का उत्पादन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' की स्वीकृति का निर्णय भी किसान हित की दृष्टि से ऐतिहासिक है। वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक दाल उत्पादन 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए 11 हजार 440 करोड़ रूपए का निवेश भी किया जाएगा। किसानों को दालों की नवीनतम किस्मों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा,
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह-2025का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के पर्यटक वाहन सफारी और वन विहार के 40 से अधिक पर्यटक वाहन (ई-व्हीकल्स) का लोकार्पण किया। साथ ही कार्यक्रम स्थल में भारत के वन्यजीव “उनका रहवास एवं आपसी संचार” विषय पर केन्द्रित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने वन और वन्य जीवों के प्रति जन जागरूकता प्रसार में योगदान देने वाले 9 शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों एवं 1 वन्य प्राणी रेस्क्यू दल को वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार भी प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व्स में पर्यटन बढ़ने से प्राप्त आय में से वित्त वर्ष 2024-25 के लाभांश के रूप में प्रतीकात्मक रूप से 5 ईको विकास समितियों को पात्रतानुसार पुरस्कार राशि देकर पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री ने वन्यजीव-मानव सहअस्तित्व पर केन्द्रित एक पुस्तक एवं पोस्टर सहितगिद्धों के संरक्षण पर वन विभाग द्वारा तैयार की गई वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश वन और वन्य जीवों के मामले में देश में अव्वल है। प्रदेश में वनों की विविधता को बढ़ाने और पर्यटन को प्रोत्साहन देने में वन्य जीव अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन्य जीव पर्यटन, मध्यप्रदेश को पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बनाता है। प्रदेश में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। चीता, बाघ, घड़ियाल, गिद्ध मध्यप्रदेश की पहचान है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'लोकल फॉर वोकल' के मंत्र और महिला सशक्तिकरण संकल्प को प्रदेश की महिलाओं ने सार्थक कर दिखाया है। ग्वालियर की आजीविका मिशन से जुड़ीं महिलाओं ने बडी, पापड़, अगरबत्ती और अचार से भी आगे बढ़कर अब गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण की अनूठी पहल कर महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। ग्वालियर जिले के भितरवार विकासखंड की खेड़ापति स्व-सहायता समूह की सक्रिय सदस्यों ने एकजुट होकर गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का कार्य प्रारंभ किया। उनके द्वारा किए गए नवाचार को न केवल सराहा गया, बल्कि उन्हें आर्थिक संबल भी मिला। उनका यह कार्य पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में भी एक अनुकरणीय पहल है। आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने प्राकृतिक पेंट बनाकर एक अनोखी और सफल पहल की है। इस पहल से महिलाओं को न केवल अतिरिक्त आय का साधन मिला है बल्कि पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान हुआ है। यह पेंट गोबर से बनाया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल का उपयोग नहीं होता। इस कारण यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और दीवारों को आकर्षक रंग भी प्रदान करता है। साथ ही मात्र 4 घंटे में दीवार पर लगा ये पेंट सूख भी जाता है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने समूह की महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रेरित कर तकनीकी प्रशिक्षण एवं विपणन (मार्केटिंग) में भी आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया। जिले के भितरवार ब्लॉक के ग्राम करहिया में गठित खेड़ापति स्व-सहायता समूह के सक्रिय सदस्यों ने आजीविका मिशन के माध्यम से आत्मनिर्भर की सच्ची मिसाल पेश की है। प्राकृतिक पेंट का उत्पादन स्थानीय स्तर पर रोजगार के साथ पर्यावरण-अनुकूल विकल्प साबित हो रहा है। और समूह की महिला सदस्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
राज्य शासन के संज्ञान में यह आया है कि कतिपय शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर यह कहते हुए कुछ टिप्पणियां/सामग्री वायरल की जा रही है कि वह टिप्पणियां माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत मध्यप्रदेश शासन के ओबीसी आरक्षण से संबंधित प्रकरण के हलफनामे का भाग है।शासन द्वारा उक्त शरारती सामग्री का गंभीरता से परीक्षण कराया गया है I माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष पिछड़ा वर्ग आरक्षण के प्रचलित प्रकरण में अभिलेख के प्रारंभिक परीक्षण से यह तथ्य सामने आया है कि उल्लेखित सोशल मीडिया की टिप्पणियां एवं कथन पूर्णतः असत्य, मिथ्या एवं भ्रामक है एवं दुष्प्रचार की भावना से किए गए हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि वायरल की जा रही सामग्री मध्यप्रदेश शासन के हलफनामे में उल्लेखित नहीं है एवं ना ही राज्य की किसी घोषित या स्वीकृत नीति अथवा निर्णय का भाग हैं ।प्रथम दृष्टया यह ज्ञात हुआ है कि वस्तुतः उल्लेखित सामग्री मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, अध्यक्ष श्री रामजी महाजन द्वारा प्रस्तुत अंतिम प्रतिवेदन (भाग-1) का हिस्सा हैं। उक्त आयोग का गठन दिनांक 17-11-1980 को किया गया था। आयोग द्वारा दिनांक 22-12-1983 को अपना अंतिम प्रतिवेदन तत्कालीन राज्य शासन को प्रेषित किया था। राज्य शासन ने माननीय उच्चतम न्यायालय में ओबीसी आरक्षण संबंधित प्रकरण में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के विभिन्न प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किए हैं, जो शासन के अभिलेखों में सुरक्षित हैं। इन प्रतिवेदनों में महाजन आयोग की रिपोर्ट के साथ-साथ 1994 से 2011 तक के वार्षिक प्रतिवेदन तथा वर्ष 2022 का राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का प्रतिवेदन भी सम्मिलित है।महाजन आयोग का उक्त प्रतिवेदन माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष भी अभिलेख का भाग रहा है। अतः माननीय उच्चतम न्यायालय में भी उक्त प्रतिवेदन स्वतः ही न्यायिक अभिलेख का हिस्सा है। मध्यप्रदेश सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ एवं सामाजिक सद्भावना के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति ने 4645.60 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली कई न्यूनीकरण (Mitigation), पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण परियोजनाओं (Recovery & Reconstruction Projects) को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से 9 राज्यों - असम, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आपदा प्रतिरोधी भारत (Disaster Resilient India) विजन को साकार करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है। केन्द्रीय वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सदस्यता वाली इस उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से राज्यों को वित्तीय सहायता दिए जाने के प्रस्ताव पर विचार किया। उच्च स्तरीय समिति ने असम के लिए 692.05 करोड़ रुपए की लागत से आर्द्रभूमि (वेटलैंड्स) को पुनर्जीवित और उनका पुनरुद्धार करने की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के कार्यान्वयन से आर्द्रभूमि की क्षमता बढ़ेगी, बाढ़ भंडारण क्षेत्र बनेगा, बाढ़ से निपटने की क्षमता में वृद्धि होगी, जलीय पर्यावरण की रक्षा होगी और मत्स्य पालन की बेहतर अवसंरचना के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 692.05 करोड़ रुपए में से केन्द्र का हिस्सा 519.04 करोड़ रुपए (75%) और राज्य का हिस्सा 173.01 करोड़ रुपए (25%) होगा।
केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव कल नई दिल्ली में उच्च-गुणवत्ता पूर्ण डिजिटल शिक्षा सर्वसुलभ बनाने के लिए तैयार किए गए एनआईईएलआईटी डिजिटल यूनिवर्सिटी (एनडीयू) प्लेटफ़ॉर्म का उद्घाटन करेंगे। यह प्लेटफ़ॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, डेटा साइंस, सेमीकंडक्टर जैसे विशिष्ट तकनीकों और संबद्ध क्षेत्रों में उद्योग-केंद्रित पाठ्यक्रम और अनुकूल डिजिटल शिक्षण मोड और वर्चुअल लैब से युक्त होगा। इससे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कौशल प्रदान किया जा सकेगा। वैष्णव मुजफ्फरपुर (बिहार), बालासोर (ओडिशा), तिरुपति (आंध्र प्रदेश), दमन (दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव) और लुंगलेई (मिज़ोरम) में पांच नए एनआईईएलआईटी केंद्रों का आभासी माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इन नए एनआईईएलआईटी केंद्रों के विस्तार के साथ, देश में तकनीकी भविष्य को आकार देने में एनआईईएलआईटी की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाएगी। कार्यक्रम में शिक्षा और उद्योग जगत के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के साथ "शिक्षा के डिजिटलीकरण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका" पर एक पैनल परिचर्चा आयोजित की जाएगी। साथ ही, एनआईईएलआईटी और वैश्विक आईटी सेवा कंपनी किंड्रिल द्वारा संयुक्त रूप से संचालित डीईवी एसईसी ओपीएस पाठ्यक्रम में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उद्योग-अकादमिक सहयोग मज़बूत करने के लिए अग्रणी उद्योग भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों के हित में प्रारंभ की जा रही भावांतर योजना को लागू करने के लिए जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले को दायित्व दिए जाएं। इस योजना की विशेषताओं को प्रत्येक स्तर पर प्रचारित किया जाए, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिले। सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी उपयोग करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं की चिंता कर सोयाबीन को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूलय 5328 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित की है। मध्यप्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पादन का मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस तरह धान और गेहूं पर किसानों को उनके परिश्रम की कीमत दिलवाने का कार्य किया गया है, उसी तरह सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी लाभ दिलवाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की जा रही भावांतर योजना के संबंध में शुक्रवार को समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स को निर्देशित कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंस में वरिष्ठ विधायक और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में विभिन्न मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मुख्य सचिव अनुराग जैन, संबंधित वरिष्ठ अधिकारी, समस्त कलेक्टर्स-कमिश्नर्स, राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर्स किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शिक्षा का अधिकार अधिनियम अन्तर्गत अशासकीय विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों की 489 करोड़ रुपये फीस प्रतिपूर्ति की राशि सिंगल क्लिक से सीधे स्कूलों के खातों में अंतरित करेंगे। फीस अंतरण का कार्यक्रम हरदा जिले के खिरकिया नगर में 29 सितम्बर, 2025 को होगा। राज्य शिक्षा केन्द्र की अपर मिशन संचालक हरसिमरन प्रीत कौर ने बताया कि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार वर्ष 2023-24 के अशासकीय विद्यालयों के प्रेषित प्रस्ताव पर नियमानुसार पोर्टल से जनरेटेड इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के माध्यम से फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही की गयी है। प्रदेश के 20 हजार 652 अशासकीय विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नि:शुल्क अध्ययनरत करीब 8 लाख 45 हजार विद्यार्थियों की फीस की प्रतिपूर्ति की जायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को उनके ग्राम, वार्ड अथवा पड़ोस में स्थित स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा की न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर निःशुल्क प्रवेश दिये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत प्रदेश में लगभग 8.50 लाख बच्चे अशासकीय स्कूलों में निःशुल्क अध्ययनरत होकर शिक्षा प्राप्त कर रहे है। पूर्व के वर्षों में प्रवेशित छात्रों की संख्या को देखा जाये तो सत्र 2011-12 से लागू इस प्रावधान के तहत अशासकीय स्कूलों में नि:शुल्क अध्ययन से लगभग 19 लाख बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं
भोपाल । रेल प्रशासन द्वारा त्यौहारों पर यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने हेतु सदैव प्रयासरत रहता है। इसी कड़ी में भोपाल मंडल होकर दिवाली एवं छठ पूजा त्यौहारों के अवसर पर अतिरिक्त यात्री यातायात को क्लीयर करने एवं यात्रियों की सुविधा के लिए गाड़ी संख्या 01751/01752 रीवा-हडपसर-रीवा के मध्य एक-एक ट्रिप एक्सप्रेस स्पेशल फेयर पर स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। इस स्पेशल ट्रेन में वातानुकूलित श्रेणी, शयनयान श्रेणी एवं सामान्य श्रेणी के कोचेस रहेंगे। यह स्पेशल ट्रेन दोनों दिशाओं में सतना, मैहर, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, इटारसी , हरदा, खण्डवा, भुसावल, मनमाड, कोपरगाँव, बेलापुर, अहिल्यानगर जंक्शन एवं दौड़ कॉर्ड लाइन हाल्ट लेकर गन्तव्य को जाएगी। रेलयात्री किसी भी कंप्यूटरीकृत आरक्षण केन्द्र या ऑनलाइन आईआरसीटीसी की वेबसाइट से इस स्पेशल ट्रेन की आरक्षण सुविधा का लाभ उठा सकते है। सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया की गाड़ी संख्या 01751 रीवा-हडपसर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन दिनांक 26 अक्टूबर 2025 को* रीवा स्टेशन से सुबह 06:45 बजे प्रस्थान कर, सतना 07:35 बजे, मैहर 08:06 बजे, कटनी 08:50 बजे, जबलपुर 10:10 बजे, नरसिंहपुर 11:15 बजे, इटारसी 13:35 बजे, हरदा 14:40 बजे, खन्डवा 16:10 बजे, भुसावल 19:00 बजे, मनमाड 22:20 बजे, कोपरगाँव 23:10 बजे, बेलापुर रात्रि 23:50 बजे पहुँचकर, अगले दिन अहिल्यानगर जंक्शन 01:15 बजे, दौड़ कॉर्ड लाइन 03:10 बजे और प्रातः 05:00 बजे हडपसर स्टेशन पहुँचेगी।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 21वीं किस्त जारी करने की घोषणा की। यह किस्त विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के उन किसानों के लिए प्राथमिकता के आधार पर है, जो हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के कृषि मंत्री, सांसद, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही किसान समूहों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। तीनों राज्यों ने हाल ही में भीषण बाढ़, भूस्खलन और फसल की व्यापक क्षति का सामना किया है, जिससे किसान परिवारों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा है। इस संदर्भ में आज जारी पीएम-किसान योजना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। तीनों राज्यों के लगभग 2.7 लाख महिला किसानों सहित 27 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में कुल 540 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे अंतरित की गई है। इस सहायता का उद्देश्य हाल की आपदाओं से उबरने के लिए किसानों को समय पर राहत प्रदान करना है। कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़े रहने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2,000 रुपये की किस्त से किसानों को अपनी तत्काल घरेलू जरूरतें पूरी करने, अगले बुवाई सीजन के लिए बीज और उर्वरक खरीदने और खेती फिर से शुरू करने का आत्मविश्वास हासिल करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जहां भी सोयाबीन की फसल अतिवृष्टि अथवा रोग के कारण खराब हुई है, ऐसे सभी क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल क्षति का सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि सर्वे के बाद किसानों को सोयाबीन की फसल की क्षति का समुचित मुआवजा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल का एमएसपी 5328 रूपये निर्धारित किया गया है। मध्यप्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी यही रेट दिया जाएगा। किसी भी किसान को घाटा नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में धान पर भी बोनस बढ़ाया गया है। किसानों को भावांतर भुगतान योजना से उनके खाते में बोनस का पैसा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी से कम दर पर फसल बिकती है तो भावान्तर की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों की जिदंगी बेहतर और खुशहाल बनाने के लिए सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि दी जा रही है। मध्यप्रदेश में लाड़ली बहनों के जीवन में खुशियां लाने के लिए लाड़ली बहनों को दीपावली की भाईदूज से हर माह 1500 रूपये की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विकास योजनाएं चलाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार के पास धन की कमी नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत जैसीनगर में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वदेशी की ताकत से ही हमारी संस्कृति, हजारों हजार साल से अपने गौरव-गरिमा और समृद्धता के साथ विद्यमान है। हर युग और हर काल में आई चुनौतियों का हमने स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की ताकत से ही सामना किया है। महात्मा गांधी ने स्वदेशी के बल पर ही देश को आजादी दिलाई थी। उन्होंने ने जन-जन को विदेशी वस्तुओं को त्यागने और विदेशी वस्त्रों की होली जलाने के लिए प्रेरित किया। अपनी माटी, अपने देश और स्वदेशी व्यवस्था के प्रति हम सबके मन में सम्मान होना चाहिए। महात्मा गांधी और पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों में बहुत समानता थी। महात्मा गांधी और पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीय संस्कृति की लंबी विचार प्रक्रिया के संवाहक हैं। दोनों का ही विचार था कि स्वावलंबन और स्वदेशी के बीज से ही आत्मनिर्भरता का वटवृक्ष बनेगा और भारत, विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय की जंयती के अवसर पर मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। रवीन्द्र भवन में आयोजित कार्यक्रम का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलाचरण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माँ भारती, महात्मा गांधी और पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर गायत्री परिवार, ब्रह्म कुमारी संगठन, पंतजलि समूह और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने स्वदेशी के प्रति अपनी प्रतिबद्धिता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को स्वदेशी संकल्प समर्थन-पत्र सौंपे। कार्यक्रम में स्वदेशी पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में हाथी महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। हाथियों की पूजा कर उन्हें उनके पसंद का भोजन दिया जा रहा है। उन्हें सजाकर आसपास रहने वाले लोगों के सामने दर्शन के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है। साथ ही हाथियों के सामाजिक व्यवहार की जानकारी दी जा रही है। टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की ट्रैकिंग, गश्त और रेस्क्यू में हाथियों की अहम भूमिका है। आयोजन का उद्देश्य बांधवगढ़ में जंगली हाथियों के लगातार निवास करने के कारण जन-सामान्य में जागरूकता बढ़ाना तथा हाथियों की सेवा, देखभाल और संरक्षण की भावना बढ़ाना है। शहडोल के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 25 सितम्बर से 30 सितम्बर तक रामा हाथी कैम्प, ताला, बांधवगढ़ में हाथी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हाथी महोत्सव के दौरान हाथियों को पूरी तरह से विश्राम दिये जाने के साथ ही उनके मन-पसंद व्यंजन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पार्क प्रबंधन द्वारा इस बार हाथी महोत्सव को हाथियों के पुनर्जीवन के लिए समर्पित किया है। कैंप में कुल 15 हाथी हैं, जिनमें 9 नर तथा 6 मादा शामिल हैं। कैंप में गौतम नाम का हाथी सबसे बुजुर्ग है, जिसकी उम्र 79 वर्ष है, वह रिटायर हो चुका है, जबकि कैंप में सबसे छोटा हाथी गंगा है, जिसकी उम्र मात्र एक साल है। हाथी महोत्सव के पहले दिन हाथियों को सुबह-सुबह चरण गंगा नदी में स्नान कराया गया। जहां पानी में हाथी मस्ती करते हैं। कैंप में वापस लाकर नीम एवं आरंडी के तेल से उनकी मालिश की जाती है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मुंबई में फायनेंशियल एक्सप्रेस के इंडियाज़ बेस्ट बैंक्स अवॉर्ड समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र पडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के सार्वजनिक जीवन को शुद्ध रखने के लिए रामनाथ गोयनका से विवेक गोयनका जी तक एक्सप्रेस समूह ने जो काम किया है उसे पूरे देश को एक्नॉलेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत, विशेषकर देश के युवाओं, के सामने यह लक्ष्य रखा है कि 2047 में भारत पूर्ण विकसित देश बने और हर क्षेत्र में विश्व में सर्वप्रथम हो। यह लक्ष्य आज देश के जन-जन, विशेषकर युवाओं, का संकल्प बन गया है।श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह संकल्प 2047 से पहले ही पूर्ण हो जाएगा क्योंकि देश की युवा पीढ़ी पर हमें पूरा भरोसा है। अमित शाह ने कहा कि आज पूरी दुनिया में चल रहे कई प्रकार के संकटों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था का एक ब्राइट स्पॉट के रुप में उभर कर आना हम सबके लिए बहुत गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत में Political Stability, विश्वसनीय नेतृत्व, Robust Economic Performance और Democracy की मज़बूत नींव पड़ चुकी है।
मुख्यमंत्री यादव ने प्रदेश के 6 लाख 69 हजार 272 धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ 12 लाख रुपये की प्रोत्साहन (बोनस) राशि सिंगल क्लिक से उनके बैंक खातों में अंतरित की। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जित करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4 हजार अधिकतम 10 हजार रूपये की बोनस राशि देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने बालाघाट जिले में करीब 245 करोड़ रुपये की लागत वाले 78 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया। इसमें 39 करोड़ रूपए लागत से बालाघाट में सरेखा आर.ओ.बी. एवं परसवाड़ा में 31 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित सांदीपनि विद्यालय भवन का लोकार्पण भी शामिल है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित ग्रामों के 850 युवाओं को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। इन सभी युवाओं को गृह विभाग के विशेष सहयोगी दस्ते में नियुक्ति दी गई है। मुख्यमंत्री ने बालाघाट जिले में हुए रोजगार महोत्सव के जरिए चुने गए 3700 से अधिक युवाओं को प्रतिष्ठित निजी कंपनियों में नियुक्ति पत्र भी दिए। इन चयनितों में लगभग 1000 युवतियां भी शामिल हैं, जिन्हें बेंगलुरु की निजी कंपनियों में नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल किसानों की समृद्धि, बल्कि युवाओं के लिए भी नए अवसरों से भरपूर है। किसान और युवा विकास के सेतु की तरह हैं। प्रदेश के समग्र विकास के लिए हमारी सरकार इन दोनों के परिश्रम और असीम ऊर्जा को नई दिशा देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों के आशीर्वाद से ही किसान का बेटा आज मुख्यमंत्री है। किसानों को कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गेहूं और सोयाबीन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की अतिरिक्त बोनस राशि भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 25 सितम्बर को सागर जिले के जैसीनगर में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पोर्टल और मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति-2025 लागू की गयी है। इस नीति के तहत राज्य के जिलों में पाईप लाईन बिछाकर उपभोक्ताओं को पीएनजी (पाईप्ड नेचुरल गैस) कनेक्शन प्रदाय किये जायेंगे। साथ ही वाहनों के लिए सीएनजी स्टेशन स्थापित किये जायेंगे, इससे घर-घर स्वच्छ और सस्ता ईधन उपलब्ध होगा। राज्य सरकार का लक्ष्य निवेशकों को आकर्षित करना और मध्यप्रदेश को भारत के अग्रणी ग्रीन एनर्जी हब के रूप में स्थापित करना है। मंत्री ने बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा के सार्वजनिक उचित मूल्य दुकानों से वितरित होने वाले राशन की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जायेगा। उपभोक्ताओं में "आपका राशन-आपका अधिकार" संबंधी जागरूकता के लिये शिविरों का आयोजन किया जायेगा। खाद्यान्न प्राप्त होते ही पंजीबद्ध उपभोक्ताओं को एसएमएस से राशन की मात्रा संबंधी जानकारी मिलेगी। उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान्न पहुंचने की जानकारी भी उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। सिटी गैस ड्रिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के विकास के लिए सीएनजी स्टेशन संचालित करने के लिए एनओसी एवं पाईपलाईन बिछाये जाने हेतु अनुमति दिये जाने का प्रावधान है।
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई पर फैलाए जा रहे झूठ पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अब न्यायालय के मामले में भी झूठ की फैक्ट्री चलाने में लगे हैं। ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी मामले में कांग्रेस जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश सरकार के वकीलों ने सर्वोच्च न्यायालय में पूरी गंभीरता और तथ्यों के साथ पक्ष रखते हुए 15 हजार पेजों का दस्तावेज भी सौंपा है। प्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने मध्यप्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए न्यायालय से मध्यप्रदेश में पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किए जाने का आग्रह करते हुए 13 प्रतिशत होल्ड पदों को अनहोल्ड करने का तर्क रखा। अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई अब प्रारम्भ की जानी चाहिए। कोर्ट द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी ने वकीलों की उपस्थिति क्रम और दस्तावेजों के संकलन हेतु समय मांगा। इस पर कोर्ट ने मामले को 8 अक्टूबर 2025 के लिए नियत किया है। यह मामला 8 अक्टूबर को सबसे पहले सुना जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन ने मध्यप्रदेश शासन के तर्क का समर्थन करते हुए आग्रह किया कि मध्यप्रदेश मामले में अंतरिम आदेश पारित किया जाए। प्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भोपाल । प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पंजाब के लिए एक और बड़ी रेल उपलब्धि हासिल हुई है। पंजाब में लंबे समय से प्रतीक्षित रेल संपर्क, राजपुरा-मोहाली नई लाइन को मंज़ूरी मिल गई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आज यह घोषणा की। यह पंजाब के लोगों की 50 साल से भी पुरानी मांग को पूरा करता है। इस 18 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पर 443 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह मालवा क्षेत्र को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से सीधे जोड़ेगी। सीधा संपर्क: पहले, लुधियाना से चंडीगढ़ पहुँचने के लिए ट्रेनों को अंबाला होकर जाना पड़ता था, जिससे अतिरिक्त दूरी और समय बढ़ जाता था। अब राजपुरा और मोहाली के बीच सीधा संपर्क होगा, जिससे यात्रा की दूरी लगभग 66 किलोमीटर कम हो जाएगी। मालवा क्षेत्र के सभी 13 जिले अब चंडीगढ़ से अच्छी तरह जुड़ जाएँगे। इससे मौजूदा राजपुरा-अंबाला मार्ग पर यातायात सुगम होगा और अंबाला-मोरिंडा संपर्क छोटा हो जाएगा। सभी उपलब्ध विकल्पों में से, इस मार्ग को इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें कृषि भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता सबसे कम है, जिससे कृषि गतिविधियों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है। यह परियोजना कपड़ा, विनिर्माण और कृषि सहित उद्योगों को बढ़ावा देगी। यह पंजाब के कृषि क्षेत्र को प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों और बंदरगाहों से जोड़ने वाला एक व्यापक नेटवर्क तैयार करेगी, जिससे निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त होंगी:
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 10 लाख 91 हजार 146 रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) के रूप में 1865 करोड़ 68 लाख रुपये के भुगतान को स्वीकृति दी। रेलवे कर्मचारियों के बेहतर कामकाज को मान्यता देते हुए यह मंजूरी दी गई है। प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टियों से पहले पात्र रेल कर्मचारियों को उत्पादकता से जुड़े बोनस का भुगतान किया जाता है। इस वर्ष भी, लगभग 10 लाख 91 हजार अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जा रहा है। रेलवे के समग्र प्रदर्शन में सुधार हेतु रेल कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में पीएलबी भुगतान किया जाता है। प्रत्येक पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर अधिकतम देय पीएलबी राशि 17 हजार 951 रुपये है। यह राशि विभिन्न श्रेणियों के रेल कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप-सी कर्मचारियों को दी जाएगी। वर्ष 2024-25 में रेलवे का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। रेलवे ने रिकॉर्ड 1614.90 मिलियन टन माल ढुलाई की और लगभग 7.3 बिलियन यात्रियों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाया।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड (104 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी प्रदान की, जिसकी कुल लागत लगभग 2,192 करोड़ रुपये है। यह परियोजना बिहार राज्य के चार जिलों को कवर करेगी और भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 104 किलोमीटर की वृद्धि रहेगी। यह रेल मार्ग राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा, पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ता है, जो देश भर से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इस मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,434 गांवों और लगभग 13.46 लाख आबादी, जिसमें दो आकांक्षी जिलें (गया और नवादा) शामिल हैं, की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। ये मार्ग कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, फ्लाई ऐश आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक है। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन साधन होने के नाते देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और रसद लागत को कम करने में मदद करेगा, साथ ही तेल आयात (5 करोड़ लीटर) को घटाएगा और सीओ2 उत्सर्जन (24 करोड़ किलोग्राम) को कम करेगा, जो एक करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में सुधार होगा तथा भारतीय रेल की कार्यकुशलता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी।
नई दिल्ली, केंद्रीय कृषि मंत्रीशिवराज ने खरीफ 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में प्रमुख दलहन एवं तिलहन फसलों की खरीद को स्वीकृति दी है। किसानों से उड़द व तूर की शत-प्रतिशत खरीद के लिए शिवराज सिंह ने मंजूरी दी है, वहीं उ.प्र. में मूंग, तिल, मूंगफली तथा गुजरात में सोयाबीन, मूंग व मूंगफली भी खरीदने की अनुमति प्रदान की है। किसानों के हित में पूरी खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से करने के लिए शिवराज सिंह ने इन राज्यों को निर्देश दिए, साथ ही कहा कि दोनों राज्यों में 13,890.60 करोड़ रु. की उपज खरीदी से किसानों को लाभ होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री की अध्यक्षता में आज हुई वर्चुअल बैठक में उ.प्र. के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही तथा गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल शामिल थे, वहीं केंद्रीय कृषि सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी तथा केंद्र व दोनों राज्य सरकारों के वरिष्ठ कृषि अधिकारी भी बैठक में सम्मिलित हुए। बैठक में शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हित में पूरी खरीद प्रक्रिया पारदर्शी, डिजिटल व सुचारू रूप से की जाएं, जिस पर दोनों राज्यों के कृषि मंत्रियों ने कहा कि उपज खरीद आधुनिक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण व पीओएस मशीन व्यवस्था के साथ डिजिटल पोर्टलों के जरिए होगी। बैठक में उ.प्र. के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज ने राज्य में उड़द 2 लाख 27 हजार 860 मीट्रिक टन (100%) खरीद को स्वीकृति प्रदान की, जिसका मूल्य 1777.30 करोड़ रुपये रहेगा।