09-10-2025 • जबलपुर में 2 महाविद्यालयों के नवीन शैक्षणिक भवन का लोकार्पण    • म.प्र. में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं और करें अपना उद्योग स्थापित-मोहन यादव    • छिंदवाड़ा प्रकरण में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी निलम्बित,कांग्रेस का जोरदार विरोध प्रदर्शन    • स्वदेशी चिप निर्माण और पैकेजिंग क्षमताओं के लिएआईआईटी भुवनेश्वर में ‘नमो सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला’ की स्थापना को मंजूरी     • विशेष ग्राम सभाओं ने 4 हजार से ज्यादा विलेज एक्शन प्लान का अनुमोदन    • गुवाहाटी में इंटरएक्टिव सत्र 5 अक्टूबर को, निवेशक मध्यप्रदेश के निवेश अवसरों से होंगे रूबरू    • कोल्ड्रिफ कफ सिरप पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित,छापामारी कर अमानक दवा जप्त करने के निर्देश    • विचारपुर ‘मिनी ब्राज़ील’ के खिलाड़ी पहुँचे जर्मनी,विश्वस्तरीय क्लब में शुरू किया फुटबॉल प्रशिक्षण    • मुख्यमंत्री ने विजयादशमी के पावन पर्व पर इंदौर में किया शस्त्र पूजन    • खण्डवा और उज्जैन जिले में घटित अलग-अलग हादसे, ग्यारह की गई जान     


26 Sep, 2025

एमएसपी से अंतर की राशि का भुगतान करेगी राज्य सरकार -मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों के हित में प्रारंभ की जा रही भावांतर योजना को लागू करने के लिए जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले को दायित्व दिए जाएं। इस योजना की विशेषताओं को प्रत्येक स्तर पर प्रचारित किया जाए, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिले। सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी उपयोग करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं की चिंता कर सोयाबीन को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूलय 5328 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित की है। मध्यप्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पादन का मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस तरह धान और गेहूं पर किसानों को उनके परिश्रम की कीमत दिलवाने का कार्य किया गया है, उसी तरह सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी लाभ दिलवाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की जा रही भावांतर योजना के संबंध में शुक्रवार को समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स को निर्देशित कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंस में वरिष्ठ विधायक और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में विभिन्न मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मुख्य सचिव  अनुराग जैन, संबंधित वरिष्ठ अधिकारी, समस्त कलेक्टर्स-कमिश्नर्स, राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर्स किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों के हित में प्रारंभ की जा रही भावांतर योजना को लागू करने के लिए जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले को दायित्व दिए जाएं। इस योजना की विशेषताओं को प्रत्येक स्तर पर प्रचारित किया जाए, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिले। सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी उपयोग करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं की चिंता कर सोयाबीन को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूलय 5328 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित की है। मध्यप्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पादन का मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस तरह धान और गेहूं पर किसानों को उनके परिश्रम की कीमत दिलवाने का कार्य किया गया है, उसी तरह सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी लाभ दिलवाया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की जा रही भावांतर योजना के संबंध में शुक्रवार को समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स को निर्देशित कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंस में वरिष्ठ विधायक और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में विभिन्न मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मुख्य सचिव  अनुराग जैन, संबंधित वरिष्ठ अधिकारी, समस्त कलेक्टर्स-कमिश्नर्स, राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर्स किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी नहीं होना चाहिए। हितग्राही को सीधा लाभ मिलना चाहिए। सभी के प्रयासों से भावांतर योजना पूर्णता सफल होगी।

10 अक्टूबर से शुरू होंगे पंजीयन

भावांतर योजना के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्रदेश में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन का कार्य 10 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 25 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। भावांतर की अवधि 01 नवम्बर से 2025 से 31 जनवरी 2026 तक रहेगी। पंजीकृत कृषक और उनके रकबे के सत्यापन की प्रक्रिया राजस्व विभाग के माध्यम से होगी। किसानों के भावांतर की राशि पंजीयन के समय दर्ज बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी।

भावांतर योजना, एक नजर में

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के अंतर्गत अधिसूचित तिलहनी फसल के लिए भावांतर योजना वर्ष 2018-19 से लागू की गई है। भारत सरकार ने घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा राज्य के मंडी के मॉडल भाव/विक्रय मूल्य अंतर की राशि कृषकों को दिलवाने का प्रावधान किया है। किसान पूर्व की तरह अपनी उपज मंडियों में बेचेंगे। एमएसपी और मंडी का मॉडल भाव/विक्रय मूल्य के बीच के अंतर की राशि का किसान को डीबीटी से भुगतान किया जायेगा। किसान द्वारा ई-पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य होगा। उदाहरण के लिए किसान का उत्पादन मॉडल भाव 4600 रूपए पर हुआ है तो समर्थन मूल्य 5328 में से शेष अर्थात् भावांतर राशि 628 रूपए प्रति क्विंटल राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे। किसान को समर्थन मूल्य बराबर ही राशि प्राप्त होगी। यदि किसान की उपज का विक्रय मूल्य एमएसपी से कम है परंतु राज्य के औसत मॉडल प्राइज के समतुल्य है, ऐसी स्थिति में भी किसान को एमएसपी और बिक्री मूल्य के भावांतर की राशि प्रदान की जाएगी। तीसरी स्थिति में कृषि उपज का विक्रय मूल्य राज्य के औसम मॉडल प्राइस से कम होने की दिशा में किसान को एमएसपी और घोषित औसत मॉडल प्राइस के भावांतर की राशि प्रदान की जाएगी। प्रत्येक स्थिति में किसान का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।