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24 Sep, 2025

ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी मामले में कांग्रेस जनता को गुमराह कर-कृष्णा गौर

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई पर फैलाए जा रहे झूठ पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अब न्यायालय के मामले में भी झूठ की फैक्ट्री चलाने में लगे हैं। ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी मामले में कांग्रेस जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश सरकार के वकीलों ने सर्वोच्च न्यायालय में पूरी गंभीरता और तथ्यों के साथ पक्ष रखते हुए 15 हजार पेजों का दस्तावेज भी सौंपा है। प्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने मध्यप्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए न्यायालय से मध्यप्रदेश में पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किए जाने का आग्रह करते हुए 13 प्रतिशत होल्ड पदों को अनहोल्ड करने का तर्क रखा। अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई अब प्रारम्भ की जानी चाहिए। कोर्ट द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी ने वकीलों की उपस्थिति क्रम और दस्तावेजों के संकलन हेतु समय मांगा। इस पर कोर्ट ने मामले को 8 अक्टूबर 2025 के लिए नियत किया है। यह मामला 8 अक्टूबर को सबसे पहले सुना जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता  पी. विल्सन ने मध्यप्रदेश शासन के तर्क का समर्थन करते हुए आग्रह किया कि मध्यप्रदेश मामले में अंतरिम आदेश पारित किया जाए। प्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई पर फैलाए जा रहे झूठ पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अब न्यायालय के मामले में भी झूठ की फैक्ट्री चलाने में लगे हैं। ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी मामले में कांग्रेस जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश सरकार के वकीलों ने सर्वोच्च न्यायालय में पूरी गंभीरता और तथ्यों के साथ पक्ष रखते हुए 15 हजार पेजों का दस्तावेज भी सौंपा है। प्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने मध्यप्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए न्यायालय से मध्यप्रदेश में पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किए जाने का आग्रह करते हुए 13 प्रतिशत होल्ड पदों को अनहोल्ड करने का तर्क रखा। अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई अब प्रारम्भ की जानी चाहिए। कोर्ट द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी ने वकीलों की उपस्थिति क्रम और दस्तावेजों के संकलन हेतु समय मांगा। इस पर कोर्ट ने मामले को 8 अक्टूबर 2025 के लिए नियत किया है। यह मामला 8 अक्टूबर को सबसे पहले सुना जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता  पी. विल्सन ने मध्यप्रदेश शासन के तर्क का समर्थन करते हुए आग्रह किया कि मध्यप्रदेश मामले में अंतरिम आदेश पारित किया जाए।प्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ताओं ने तथ्यों और तर्कों के साथ स्पष्ट दलीलें दीं, जिसके आधार पर न्यायालय ने इसे प्रथम सुनवाई में लेने का निर्णय किया है। कांग्रेस लगातार असत्य का सहारा लेकर जनता को भ्रमित करना चाहती है, जबकि सच्चाई यही है कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी मजबूती और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही है। भाजपा सरकार को आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि माननीय न्यायालय कांग्रेस के झूठ को नकारते हुए ओबीसी समाज के हित में न्याय करेगा।