08-10-2025 |
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एंटी-नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की वार्षिक रिपोर्ट-2024 जारी की और ऑनलाइन ड्रग विनष्टीकरण अभियान (Drug Disposal Campaign) की शुरुआत की। 16 और 17 सितंबर को आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के ANTF प्रमुखों के साथ-साथ अन्य सरकारी विभागों के हितधारक भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक और NCB के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री का नशामुक्त भारत का संकल्प और नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई तभी सफल हो सकते हैं जब NCB और केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ-साथ भारत सरकार, राज्य सरकारों के सभी विभाग और ANTF की टीमें भी इसे अपना संकल्प बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारे सामने 2047 में एक महान और विकसित भारत की कल्पना रखी है और ऐसे भारत की रचना के लिए हमारी युवा पीढ़ी को ड्रग्स से बचाना बहुत ज़रूरी है। श्री शाह ने कहा कि किसी भी देश की नींव उसकी युवा पीढ़ी होती है और अगर हमारी आने वाली नस्लें ही खोखली हो जाएंगी तो हम रास्ते से भटक जाएंगे। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ड्रग्स के छोटे डीलर्स के साथ ही बड़े ड्रग कार्टेल्स पर रुथलेस कार्यवाही कर रही है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एंटी-नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की वार्षिक रिपोर्ट-2024 जारी की और ऑनलाइन ड्रग विनष्टीकरण अभियान (Drug Disposal Campaign) की शुरुआत की। 16 और 17 सितंबर को आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के ANTF प्रमुखों के साथ-साथ अन्य सरकारी विभागों के हितधारक भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक और NCB के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री का नशामुक्त भारत का संकल्प और नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई तभी सफल हो सकते हैं जब NCB और केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ-साथ भारत सरकार, राज्य सरकारों के सभी विभाग और ANTF की टीमें भी इसे अपना संकल्प बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारे सामने 2047 में एक महान और विकसित भारत की कल्पना रखी है और ऐसे भारत की रचना के लिए हमारी युवा पीढ़ी को ड्रग्स से बचाना बहुत ज़रूरी है। श्री शाह ने कहा कि किसी भी देश की नींव उसकी युवा पीढ़ी होती है और अगर हमारी आने वाली नस्लें ही खोखली हो जाएंगी तो हम रास्ते से भटक जाएंगे।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ड्रग्स के छोटे डीलर्स के साथ ही बड़े ड्रग कार्टेल्स पर रुथलेस कार्यवाही कर रही है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में अब एक्शन और एक्ज़ीक्यूशन में स्केल को बदलने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि देश में ड्रग की एंट्री, डिस्ट्रीब्यूशन और Local Sale से लेकर इनके सरगनाओं तक कठोर आघात किया जा रहा है। अब हमारी लड़ाई ड्रग्स का खुदरा व्यापार करने वालों को पकड़ कर इसका व्यापार कम करने की जगह तीन प्रकार के कार्टेल के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि देश के सभी एंट्री पॉइंट्स पर ऑपरेट करने वाले कार्टेल, एंट्री पॉइंट से राज्य तक वितरण करने वाले कार्टेल और राज्यों मे छोटे स्थानों तक मादक पदार्थ बेचने वालों तक कार्टेल पर कठोर आघात करने का अब समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हर राज्य तीनों प्रकार के कार्टेल पर एक उच्चस्तरीय स्ट्रैटेजी बनाए और इसमें राज्य, विशेषकर ज़िला पुलिस, को शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि कार्टेल पर लगाम लगाने के लिए डार्कनेट, क्रिप्टो करेंसी, कम्युनिकेशन पैटर्न, लॉजिस्टिक्स, फायनेंशियल फ्लो का एनालिसिस, मेटा डाटा एनालिसिस और मशीन लर्निंग मॉडल जैसी तकनीकों को अपनाना होगा। शाह ने कहा कि यह तभी संभव है जब इस मुहिम से जुड़े सभी लोग तय करें कि यह लड़ाई हमारी अपनी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि सबको यह तय करना होगा कि एक साल में 12 दिन इस लड़ाई के लिए रिज़र्व रखेंगे और जब तक यह संकल्प लेकर हम आगे नहीं बढ़ते, तब तक हम स्केल बदलने की कल्पना नहीं कर सकते।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान आज देश के 372 ज़िलों में चल रहा है और इसके साथ 10 करोड़ लोग और 3 लाख शैक्षणिक संस्थान जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्याप्त नहीं है, यह अभियान हर ज़िले में चलना चाहिए और हर शैक्षणिक संस्थान तक हमारी पहुंच होनी चाहिए। शाह ने कहा कि विगत वर्षों में NCB की इकाइयों ने एक ड्रग्स नेटवर्क चार्ट तैयार किया है जिसका उपयोग राज्य कर सकते हैं। इसी प्रकार, देशभर के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में मिशन ड्रग्स फ्री कैंपस कैम्पेन भी चल रहा है/ साथ ही डार्क नेट, क्रिप्टो पर प्रशिक्षण औऱ मानस हेल्पलाइन का उपयोग बढ़ाने के लिए भी अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि NIA ने PIT-NDPS एक्ट (Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत 18 मामले दर्ज कर इनकी 360 डिग्री जांच शुरू की है। इसी प्रकार, नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने राज्यों से प्राप्त 35 से अधिक केसों में 360 डिग्री जांच शुरू की है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हमने हज़ारों लोगों को प्रशिक्षित किया है।
शाह ने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान में ANTF और नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की निर्णायक भूमिका है और जब तक इस अभियान के प्रति हर ज़िला, वहां की पुलिस, शिक्षा अधिकारी संवेदनशील नहीं होते हैं, तब तक यह अभियान सफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ज़िले के धार्मिक नेताओं और युवा संगठनों को भी इस अभियान के साथ जोड़ना होगा। श्री शाह ने कहा कि NCORD की जिलास्तरीय बैठकों की संख्या बढ़ी है लेकिन आज भी देश के 272 ज़िले ऐसे हैं जहां एक भी NCORD की बैठक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सभी ANTF प्रमुख अपने राज्य में कलेक्टर को NCORD बैठक आयोजित करने के लिए प्रेरित करें और मुख्य सचिव से भी बात कर इसे सुनिश्चित करें।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भगोड़ों का निर्वासन और प्रत्यर्पण बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि अब विदेश में बैठकर यहां ड्रग्स का व्यापार करने वाले लोगों को भारतीय कानून की पकड़ में लाने का समय आ गया है। श्री शाह ने कहा कि सीबीआई ने इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने ANTF प्रमुखों से कहा कि वे सीबीआई निदेशक से संपर्क कर प्रत्यर्पण के लिए अपने यहां एक सुनिश्चित व्यवस्था खड़ी करें जो न सिर्फ ड्रग्स, बल्कि आतंकवाद और गैंग तक सभी के लिए कारगर सिद्ध हो। गृह मंत्री ने कहा कि जिस तरह प्रत्यर्पण ज़रूरी है उसी प्रकार से प्रैक्टिकल अप्रोच से निर्वासन भी ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया के प्रति एक लिबरल अप्रोच अपनाकर अपराधियों को डिपोर्ट करने की व्यवस्था के लिए रास्ता सुनिश्चित करना चाहिए।