बालाघाट। बालाघाट जिले की लांजी तहसील के अंतर्गत ग्राम थानेगांव की नल-जल योजना के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय टंकी के धसकने एवं गिर जाने का मामला सामने आया है। लगभग 17 लाख रूपये की लागत से हुये इस कार्य के धराशायी होने से निर्माण कार्य की पोल खुल गई है। गनीमत रही कि यहां पर किसी को कोई नुकसानी नहीं पहुंची। अन्यथा यहां पर बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल पानी की उच्च स्तरीय टंकी जिस स्थान पर बनायी गई है उसी के निकट में उप स्वास्थ्य केंद्र का नवीन भवन बनाया गया है। जिसका लोकापर्ण कार्य आज 29 अगस्त को सांसद भारती पारधी और क्षेत्रीय विधायक राजकुमार कर्राहे की प्रमुख उपस्थिति में होने वाला था। अगर कार्यक्रम के दौरान यह हादसा होता या फिर उपस्वास्थ्य केंद्र में लोगों की आवाजाही के दौरान हादसा होता तो किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जानकारी में आया कि यह पानी टंकी 28 अगस्त की शाम में अचानक ही भरभरा कर जमीदोंज हो गई। जिसके पश्चात ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया और उन्होने इस मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुये जिम्मेवारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। बताते है कि ग्राम पंचायत थानेगांव में नल जल योजना के तहत उच्च स्तरीय पानी टंकी व पाइप लाईन विस्तार कार्य स्वीकृत किया गया था। जो कि निर्माण एजेंसी रायसिंह एंड कंपनी द्वारा इस कार्य को कराया जाना नियत हुआ था। साल 2020 से यहां पर पानी टंकी सहित अन्य कार्यो को कराया गया। साल 2022 में इसे पूर्ण कर ग्राम पंचायत को माह सितंबर में हेंडओवर कर दिया गया। तब से अब तक पंचायत इसका देखरेख कर रही थी। लेकिन निर्माण कार्य को महज 3 साल भी नहीं हुये है और यह पानी टंकी पूरी तरह से धराशायी हो गई और जमीदोंज हो गई। जो स्पष्ट कर रही है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता के प्रति लापरवाही बरती गई और निर्धारित मापदंड में कार्य नहीं किया गया।
बालाघाट। बालाघाट जिले की लांजी तहसील के अंतर्गत ग्राम थानेगांव की नल-जल योजना के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय टंकी के धसकने एवं गिर जाने का मामला सामने आया है। लगभग 17 लाख रूपये की लागत से हुये इस कार्य के धराशायी होने से निर्माण कार्य की पोल खुल गई है। गनीमत रही कि यहां पर किसी को कोई नुकसानी नहीं पहुंची। अन्यथा यहां पर बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल पानी की उच्च स्तरीय टंकी जिस स्थान पर बनायी गई है उसी के निकट में उप स्वास्थ्य केंद्र का नवीन भवन बनाया गया है। जिसका लोकापर्ण कार्य आज 29 अगस्त को सांसद भारती पारधी और क्षेत्रीय विधायक राजकुमार कर्राहे की प्रमुख उपस्थिति में होने वाला था। अगर कार्यक्रम के दौरान यह हादसा होता या फिर उपस्वास्थ्य केंद्र में लोगों की आवाजाही के दौरान हादसा होता तो किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जानकारी में आया कि यह पानी टंकी 28 अगस्त की शाम में अचानक ही भरभरा कर जमीदोंज हो गई। जिसके पश्चात ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया और उन्होने इस मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुये जिम्मेवारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। बताते है कि ग्राम पंचायत थानेगांव में नल जल योजना के तहत उच्च स्तरीय पानी टंकी व पाइप लाईन विस्तार कार्य स्वीकृत किया गया था। जो कि निर्माण एजेंसी रायसिंह एंड कंपनी द्वारा इस कार्य को कराया जाना नियत हुआ था। साल 2020 से यहां पर पानी टंकी सहित अन्य कार्यो को कराया गया। साल 2022 में इसे पूर्ण कर ग्राम पंचायत को माह सितंबर में हेंडओवर कर दिया गया। तब से अब तक पंचायत इसका देखरेख कर रही थी। लेकिन निर्माण कार्य को महज 3 साल भी नहीं हुये है और यह पानी टंकी पूरी तरह से धराशायी हो गई और जमीदोंज हो गई। जो स्पष्ट कर रही है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता के प्रति लापरवाही बरती गई और निर्धारित मापदंड में कार्य नहीं किया गया। यही नही इस कार्य की देखरेख करने वाले उपयंत्री व अन्य अधिकारियों ने भी इसे नजरंदाज कर ठेकेदार के ऊपर पूरी तरह से छोड़ दिया। यही वजह है कि निम्र स्तरीय कार्य होने के चलते तीन साल में ही पानी की टंकी भरभराकर गिर गई। जिससे ग्राम में पेयजल समस्या निर्मित्त हो गई । इस संबंध में पूर्व जनपद सदस्य अमित भोंगड़े, जनपद सदस्य दिनेश लाड़े, ग्रामीण राजेश राहंगडाले सहित ग्रामीणों ने इस घटनाक्रम को लेकर नाराजगी जतायी और आरोप लगाया कि निर्माण कार्य निम्र स्तरीय कराया गया था। जिसके कारण पानी टंकी निर्माण के तीन साल में ही गिर गई। ग्रामीणों ने इस बात पर राहत महसूस की कि टंकी गिरने के दौरान कोई चपेट में नहीं आया। ग्रामीणों ने इस मामले में सख्त कार्यवाही किये जाने की मांग की है।29 को होने वाला था उपस्वास्थ्य केंद्र का लोकापर्ण- जानकारी के मुताबिक जिस जगह पर पानी टंकी धराशायी हुई है उसी के निकट में उप स्वास्थ्य केेद्रं बनाया गया है। जिसका लोकापर्ण 29 अगस्त को होने वाला था। जिसके लिये यहां पर आवश्यक तैयारी की गई थी। कार्यक्रम स्थल पर मंडप तैयार किया गया था। यह तैयारी 28 अगस्त को ही कर ली गई थी। लेकिन इस तैयारी के दौरान ही यहां पर 28 अगस्त की शाम में पानी टंकी एकाएक गिरकर पूरी तरह से नीचे गिर गई। जिससे बड़ा घटनाक्रम टल गया। चूंकि निश्चित ही लोकापर्ण के दौरान ग्रामीणजन सहित जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहते। अगर इस अवधि में पानी टंकी गिरती तो कोई अप्रिय हादसा भी हो सकता था।जांच दल ने मौके पर पहुंचकर बनाया पंचनामा- पानी टंकी गिरने के मामले की जांच शुरू हो गई है। जिसमें पीएचई के कार्यपालन यंत्री सहित अन्य अधिकारियों की टीम ने इस स्थान पर पहुंचकर निरीक्षण किया और पंचनामा तैयार किया गया है। जिसमें पीएचई के ई ई के अलावा लोनिवि के ईई के.के.भिमटे द्वारा ग्रामवासियों की उपस्थिति में निरीक्षण किया गया। जिसमें पंचनामा तैयार कर उल्लेख किया गया कि अनुबंध क्रमांक 59/2020-21 दिनांक 23 नवम्बर 2020 के अंतर्गत ग्राम थानेगांव में मेसर्स रायसिंग एंड कम्पनी बालाघाट के द्वारा 100 कि.ली. की उच्च स्तरीय टंकी का निर्माण किया गया है। जो 28 अगस्त की शाम 7 बजे धराशाही हो गई। जांच अधिकारियों ने पाया कि पानी टंकी का निर्माण कार्य कम गहराई में किया गया है और कम लोहे की मात्रा का उपयोग किया गया है। ग्रामीणों ने भी गुणवत्ताविहीन कार्य होना बताया। जिसके संबंध में मटेरियल की जांच हेतु सिवनी लोनिवि की लेब भेजा जायेगा। पंचनामा में ग्रामीणों व सरपंच ने पानी टंकी निर्माण की मांग की है। जिसके चलते यहां पर संबंधित ठेकेदार को नवीन पानी टंकी का निर्माण करने के निर्देश दिये गये है। साथ ही मटेरियल मलबा को हटाने कहा गया है। ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज, उपयंत्री निलंबितथानेगांव में पानी की टंकी गिरने के मामले को कलेक्टर मृणाल मीना ने गंभीरता से लेते हुए इस प्रकरण में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। टंकी निर्माण में किए गए गुणवत्ताहीन कार्य की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। थानेगांव में नल-जल योजना की उच्च स्तरीय टंकी के धसकने के मामले में टंकी का निर्माण करने वाले ठेकेदार में. रायसिंह एंड कंपनी के प्रोपराइटर दिलीप पटेल के विरुद्ध लांजी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसमें अपराध दर्ज कर लिया गया है।
मध्यप्रदेश ने निर्यात क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए अब तक का सर्वोच्च निर्यात 66,218 करोड़ रु. दर्ज किया है। Federation of Indian Export Organisations (FIEO) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 66,218 करोड़ रु. और आईटी कंपनियों (SEZs) का निर्यात 4,038 करोड़ रु. रहा। निरंतर औद्योगिक विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश की राष्ट्रीय निर्यात रैंकिंग 15वें से बढ़कर 11वें स्थान पर पहुँची है। यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि प्रदेश के अनेक निर्यातक अपने उत्पादों का निर्यात गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों के माध्यम से करते हैं, जिससे उनके आँकड़े प्रायः अन्य राज्यों के खाते में दर्ज हो जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजदगी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा हाल ही में मध्यप्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी का शुभारंभ किया। इस नीति के तहत निर्यातकों को प्रोत्साहन, वित्तीय सहायता और विभिन्न सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं, जिससे प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुँचाने में नई गति मिली है। प्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) द्वारा निर्यात वृद्धि के उद्देश्य से वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) एवं एक्सपोर्ट प्रमोशन विषयक कार्यशालाएँ और प्रदर्शनियाँ निरंतर आयोजित की जा रही हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य प्रदेश के कारीगरों, किसानों, उद्यमियों और MSME इकाइयों को अंतरराष्ट्रीय मानकों, निर्यात प्रक्रियाओं और वैश्विक अवसरों से जोड़ना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर कटनी जिले के कैमोर में हुई घटना पर पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कटनी जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को तत्परता से कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस ने बुधवार की सुबह दोनों आरोपियों को कजरवारा गांव से गिरफ्तार कर लिया है। डीआईजी अतुल सिंह, कलेक्टर कटनी आशीष तिवारी और पुलिस अधीक्षक कटनी अभिनय विश्वकर्मा पूरे समय विजयराघवगढ़ में मौजूद रहकर कानून व्यवस्था का जायजा लिया और शांति व्यवस्था कायम की। मंगलवार को दो पक्षों के विवाद में कैमोर निवासी नीलेश रजक की दो आरोपियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। टीआई एवं आरक्षक लाइन अटैच पूरे मामले के बाद टीआई कैमोर अरविंद चौबे और पुलिस आरक्षक प्रेमशंकर पटेल को निलंबित कर पुलिस लाइन अटैच कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद पुलिस ने टीम गठित कर आरोपियों की खोजबीन शुरू की। दोनों आरोपियों अकरम और प्रिंस जोसेफ को पुलिस ने कजरवारा से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों ने पुलिस पर फायर किया, आत्मरक्षा में पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों आरोपी घायल हो गए हैं। उन्हें तत्काल इलाज के लिए जबलपुर रवाना किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'रन फॉर साइबर अवेयरनेस' जागरूकता अभियान के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस सहित सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को बधाई देते हुए कहा कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, पूरे समाज की है। तकनीक और कानून अपने स्थान पर हैं, पर सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। जब नागरिक जागरूक होगा, तभी राष्ट्र सुरक्षित होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने डिजिटल युग की सबसे जरूरी पहल को जन-आंदोलन का रूप दिया है। हम जिस रफ्तार से डिजिटल रूप से मजबूत हुए हैं उसी रफ्तार से नई परेशानियां और खतरे सिर उठाने लगे हैं। जिस तकनीक ने हमें जोड़ा है उसी तकनीक ने अपराधियों को नए हथियार भी दिए हैं और आज ठगी के नए-नए तरीके आ गए हैं। डिजिटल अरेस्ट, फेक प्रोफाइल, हैकिंग, डेटा ब्रीचिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, ओटीपी फॉड, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी और फेक इन्वेस्टमेंट लिंक जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ये हमारे समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं। 'रन फॉर साइबर अवेयरनेस' डिजिटल युग में नागरिक सुरक्षा का कर्तव्य निभा रही है। साइबर सिपाही, जिम्मेदारी, सुरक्षा और जागरूकता की दौड़ के लिए एकजुट हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा साइबर सुरक्षा और जागरूकता के लिए आयोजित रन फॉर साइबर अवेयरनेस के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रन के लिए एकत्र प्रतिभागियों को अटल पथ स्थित प्लेटिनम प्लाजा से झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रन अटल पथ से एपेक्स बैंक तिराहा होते हुए टी.टी. नगर स्टेडियम पर पूर्ण हुई। इस अवसर पर विधायक श्री भगवानदास सबनानी, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर पुलिस बैंड की धुन के साथ सलामी दी गई।
मध्यप्रदेश का 70वां स्थापना दिवस समारोह "अभ्युदय मध्यप्रदेश" के रूप में अपार हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया जाएगा। एक से 3 नवम्बर 2025 तक भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित होने वाला यह मुख्य समारोह प्रदेश की सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक यात्रा का उत्सव होगा। इस वर्ष का आयोजन “उद्योग एवं रोजगार वर्ष” की थीम पर केंद्रित है, जो राज्य के निरंतर विकास, सांस्कृतिक समृद्धि और जनभागीदारी की भावना को दर्शाता है। मुख्य कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू एवं केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कानून एवं न्याय श्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि अभ्युदय मध्यप्रदेश केवल उत्सव नहीं बल्कि एक साझा प्रयास है। यह समारोह हमारे प्रदेश की प्रगति, परंपरा और परिश्रम की यात्रा का प्रतिबिंब है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में हम इस आयोजन को प्रदेशव्यापी स्वरूप दे रहे हैं, ताकि हर जिला इस उत्सव से जुड़ सके। राज्य मंत्री ने कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य समारोह प्रतिदिन सायं 6:30 बजे से शुरू होगा। पहले दिन समारोह का शुभारंभ 2000 ड्रोन के भव्य शो से होगा, जो "विरासत से विकास" को आकर्षक आकृतियों के माध्यम से प्रदर्शित करेगा। इसके बाद 500 से अधिक कलाकारों की "विश्ववंद - श्रीकृष्ण की सांगीतिक यात्रा" की समवेत प्रस्तुति होगी। बाद में सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक जुबिन नौटियाल एवं ग्रुप, मुम्बई द्वारा सुगम संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। इस दौरान भव्य आतिशबाजी भी की जाएगी।
भोपाल- किसी ने चिट्ठी लिखी की शिवराज सिंह आदिवासियों को भड़काता है, इस पर प्रकरण दर्ज करो। अरे प्रकरण क्या, जिंदगी भी चली जाए तो कोई दिक्कत नहीं। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बुधवार को भैरूंदा में अनुसूचित जनजातीय पंचायत में शामिल हुए और जनसमूह को संबोधित किया। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र स्थित भैरूंदा पहुंचें और अनुसूचित जनजातीय पंचायत में शामिल हुए। जनजातीय पंचायत में शिवराज सिंह ने बहनों से संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि, मैं आदिवासी भाई-बहनों के साथ कभी भी अन्याय नहीं होने दूंगा। मैं सदैव आदिवासी हितों के लिए उनके साथ खड़ा हूं। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम के बाद बहनों के साथ नीचे बैठकर खाना भी खाया। जनजातीय बहनों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भैरूंदा में आदिवासियों को मिले जमीन खाली करने के नोटिस के मामले में कहा कि, मैं कभी भी जनजातीय भाई-बहनों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासी हितैषी हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी आदिवासियों के प्रति संवेदनशील हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि, आदिवासियों की जमीनों के संबंध में मुख्यमंत्री से भी चर्चा करूँगा और उन्हें इस पूरे विषय से अवगत करवाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश, देश का दिल है। नदियों के मायके और बाघों की सहज दृश्यता वाली ये वो पवित्र धरती है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन बिताया और शिक्षा-दीक्षा भी प्राप्त की। मध्यप्रदेश और असम का 5 हजार साल पुराना संबंध है। इतिहास में श्रीकृष्ण और माता रूक्मणी प्रसंग में मध्यप्रदेश और असम आपस में जुड़े हैं। बावन शक्तिपीठों में से एक देवी कामाख्या शक्तिपीठ असम की धरती पर है और मध्यप्रदेश में कालों के काल बाबा महाकाल विराजमान हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ह्रदय प्रदेश होने के साथ आज देश का सबसे उपयुक्त निवेश प्रदेश है। मध्यप्रदेश की देश में केंद्रीय स्थिति, भरपूर बिजली-पानी, कुशल श्रमशक्ति और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स सुविधाओं से हमारा राज्य उद्योग स्थापना के लिए देश का आइडियल डेस्टिनेशन बन चुका है। मध्यप्रदेश की देश के प्रमुख शहरों से बेहतरीन कनेक्टिविटी भी निवेशकों को अतिरिक्त लाभ देती है। मध्यप्रदेश में निवेश हर मायने में फायदे का सौदा है। उन्होंने असम राज्य के उद्योगपतियों और निवेशकों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं और यहां अपने उद्योग एवं निर्माण इकाइयां स्थापित करें। सरकार हर कदम पर निवेशकों को पूरा सहयोग और आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि निवेशक कोई रोजगार आधारित उद्योग लगाते हैं, तो हमारी सरकार बिजली, पानी, कनेक्टिविटी की सुविधा के साथ श्रमिकों के वेतन के लिए 5000 रुपए प्रति श्रमिक की सब्सिडी भी देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को गुवाहाटी के एक निजी होटल में 'इन्टरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश' में असम राज्य के उद्योगपतियों और निवेशकों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सिविल अस्पताल परासिया, जिला छिंदवाड़ा में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही डॉक्टर सोनी और दवा निर्माता कंपनी के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर कार्यवाही करते हुए आय़ुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। डॉ. सोनी द्वारा निजी प्रैक्टिस के दौरान उपचार के लिए आए शिशुओं के उपचार में गंभीर लापरवाही बरतने और अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से नहीं करने के परिणामस्वरूप, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत यह कार्यवाही की गई। उल्लेखनीय है कि डॉ. सोनी द्वारा निजी प्रैक्टिस के दौरान शिशुओं को ऐसी दवाइयां पर्चे पर लिखी गई, जिसका सेवन करने के बाद शिशुओं को तेज बुखार और पेशाब में कठिनाई हुई तथा शिशुओं की किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इससे कुछ बच्चों की दु:खद मृत्यु हो गई। निलंबन काल में डॉ. सोनी का मुख्यालय, कार्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर के अधीन किया गया है। प्रकरण में छिंदवाड़ा के थाना परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी और कांचीपुरम तमिलनाडु की दवा निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के संचालकगण के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105,276 तथा औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27ए के अंतर्गत एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आईआईटी भुवनेश्वर में ‘नमो सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला’ की स्थापना को मंजूरी दी है। इस परियोजना को एमपीएलएडी योजना के तहत धनराशि प्रदान की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 4.95 करोड़ रुपये है।नमो सेमीकंडक्टर लैब युवाओं को उद्योग-अनुकूल कौशल प्रदान करके भारत के विशाल प्रतिभा पूल में योगदान देगी। यह लैब आईआईटी भुवनेश्वर को सेमीकंडक्टर अनुसंधान और कौशल विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करेगी। यह लैब पूरे भारत में स्थापित होने वाली चिप निर्माण और पैकेजिंग इकाइयों के लिए प्रतिभाओं को विकसित करने में सहायता करेगी।यह नई प्रयोगशाला ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजाइन इन इंडिया’ पहलों को और बढ़ावा देगी। यह भारत के तेजी से बढ़ते सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी। भारत वैश्विक चिप डिजाइन प्रतिभाओं का 20 प्रतिशत हिस्सा रखता है। देश भर के 295 विश्वविद्यालयों के छात्र उद्योग द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम ईडीए उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। 20 संस्थानों के 28 छात्रों द्वारा डिजाइन किए गए चिप एससीएल मोहाली में प्रदर्शित किए गए हैं। आईआईटी भुवनेश्वर ही क्यों? ओडिशा को हाल ही में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत दो सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए मंजूरी मिली है। इनमें से एक सिलिकॉन कार्बाइड आधारित मिश्रित सेमीकंडक्टर के लिए एक एकीकृत केंद्र है। दूसरी उन्नत 3डी ग्लास पैकेजिंग केंद्र है। आईआईटी भुवनेश्वर में पहले से ही सिलिकॉन कार्बाइड अनुसंधान एवं नवाचार केंद्र है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 6 अक्टूबर को जबलपुर में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय महाकोशल महाविद्यालय के 13 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत से निर्मित नवीन शैक्षणिक भवन और शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के 10.05 करोड़ रुपये से बने नये शैक्षणिक भवन का भी लोकार्पण करेंगे। साथ ही महाकोशल महाविद्यालय में 3 करोड़ 67 लाख रुपये से बनने वाले भवन का भूमि-पूजन भी करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव महाविद्यालय में प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में शैक्षणिक उत्कृष्टता, खेल, सांस्कृतिक, नवाचार एवं सामाजिक सेवा क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी करेंगे। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, राज्य सभा सदस्य श्रीमती सुमित्रा बाल्मीकि, सांसद श्री आशीष दुबे, महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नु, क्षेत्रीय विधायक श्री अशोक रोहाणी, नगर निगम अध्यक्ष श्री रिकुंज विज और जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री आशीष राव विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के प्राचार्य प्रो. अलकेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस महाकोशल कॉलेज के नवीन शैक्षणिक भवन में कुल 19 व्याख्यान कक्ष, प्रशासनिक ब्लॉक, स्मार्ट कक्षाएँ, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ एवं कॉमन रूम जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। यह भवन महाविद्यालय को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता योजना के अनुरूप प्रदेश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों की श्रेणी में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जनजातीय बहुल जिलों में ग्राम सभाओं को अपने गांव के विकास का रोडमैप तैयार करने सक्षम बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में दो अक्टूबर को हुई विशेष ग्राम सभाओं ने आपसी विचार-विर्मश कर 4 हजार से ज्यादा विलेज एक्शन प्लान का अनुमोदन किया। शेष ग्राम सभाएं जल्द ही विलेज एक्शन प्लान बनाने की प्रक्रियाएं पूरी करेंगी। विलेज एक्शन प्लान के लिए 30 जनजातीय बहुल जिलों के लिए अधिकारियों के कार्य दल बनाए गए थे। अधिकारियों की टीम गांव में पहुंची और ग्राम सभाओं में उपस्थित होकर आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत आदि सेवा पर्व के महत्व को समझाया। ग्राम सभाओं ने जनजाति ग्राम विजन 2030 के लिए ग्राम विशेष एक्शन प्लान का अनुमोदन किया। साथ में यह भी संकल्प लिया कि प्रत्येक गांव में एक आदि सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह सेवा केंद्र एकल खिड़की नागरिक सेवा केंद्र की तरह काम करेगा। इसके माध्यम से स्थानीय लोग आदि सेवा समय, स्वैच्छिक सेवा के अंतर्गत सप्ताह में एक घंटा अपना योगदान करेंगे। सरकारी अधिकारियों को जनजातीय समुदाय की मूल भाषा, बोलियों और संस्कृति से भी जोड़ेंगे। उल्लेखनीय की जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आदि कर्मयोगी अभियान प्रारंभ किया गया है। यह देश में जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए ऐतिहासिक पहल है। इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्र में ग्राम स्तर पर नेतृत्व क्षमता का विकास करना, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना और शासन-प्रशासन को और अधिक उत्तरदायी बनाना है।